Monday 21 March 2016

05th Jun, 2015



12 साल बाद उज्जैन में वर्ष 2016 में लगने जा रहा सिंहस्थ महाकुंभ विशिष्ट संयोग लेकर आ रहा है। 5118 साल बाद सिंहस्थ के दौरान सिद्ध अमृत योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह स्थिति इस विशिष्ट अवसर को और भी खास बनाएगी।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि ग्रहगोचर, चंद्रमास, नक्षत्र मेखला तथा कलियुग की उत्पत्ति की गणना के अनुसार इस बार सिंहस्थ सिद्ध अमृत योग की साक्षी में मनेगा। धार्मिक दृष्टि से यह योग खास महत्व रखता है। प्राचीन ग्रंथों की मान्यता के अनुसार सिंहस्थ के समय अमृत कलश से कुछ बूंदें तीर्थनगरी अवंतिका में शिप्रा नदी में गिरी थीं। सिंहस्थ के समय शिप्रा  के अमृत तुल्य हो जाने की मान्यता है। पहली बार सिंहस्थ में ग्रहों की स्थिति भी अमृत तुल्य बन रही है।
 उज्जैन एवम् इंदौर सारस्वत सिंहस्थ समिति
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